वाह रे ! चाय
वाह रे ! तु गजब है, गजब है तेरा स्वाद,
ना तु बनने में लेती है कोई घड़ी,
ना तु बनने में लेती है कोई घड़ी,
ना तु प्याले में ढलने मे लेती है कोई घड़ी,
और ना ही तु लेती है होठों को छुने कोई घड़ी,
और ना ही तु लेती है होठों को छुने कोई घड़ी,
फुर्ती सी छा जाती है तुझको पीते ही
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
कुछ पीते हैं सिर्फ सुबह, शाम तुझको,
और कुछ पीते ही रहते सुबह से शाम तुझको,
ना जाने क्या है तुझमे ऐसा, जो मन ना भरता
वाह ! वाह ! मन करता रहता,
बस एक प्याले को मन तरसता रहता
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
समाचार के साथ जो तु मिल जाती है,
लोगों के मन को तब तु प्रफुल्लित कर जाती है,
बिस्कुट, चनाचुर और समोसे है तेरे साथी
तु एक प्याली जीवन को मधुशाला कर जाती
फुर्ती सी छा जाती है तुझको पीते ही
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
अब तो तु रूप भी बदल चुकी है,
काला, लाल, सफेद से हरी हो चुकी है,
आधुनिकता ने तुझको भी ना छोडा़
कुल्हड़ से अब तु प्याली में आ चुकी है
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
-- प्रियंका गोड़िया
और कुछ पीते ही रहते सुबह से शाम तुझको,
ना जाने क्या है तुझमे ऐसा, जो मन ना भरता
वाह ! वाह ! मन करता रहता,
बस एक प्याले को मन तरसता रहता
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
समाचार के साथ जो तु मिल जाती है,
लोगों के मन को तब तु प्रफुल्लित कर जाती है,
बिस्कुट, चनाचुर और समोसे है तेरे साथी
तु एक प्याली जीवन को मधुशाला कर जाती
फुर्ती सी छा जाती है तुझको पीते ही
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
अब तो तु रूप भी बदल चुकी है,
काला, लाल, सफेद से हरी हो चुकी है,
आधुनिकता ने तुझको भी ना छोडा़
कुल्हड़ से अब तु प्याली में आ चुकी है
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।
वाह रे ! तु गजब है गजब है तेरा स्वाद।।
-- प्रियंका गोड़िया
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